Friday, December 11, 2009

ये किस्मत कमाल की चीज होती है


ये किस्मत कमाल की चीज होती है ,

कभी बनाती तो कभी बिगारती है |

यहाँ , वहां , जाने कहाँ कहाँ ,

कम्बखत ये किस्मत भी कितने रंग बदलती है |

लाख कोशिस कर ले इसे केद करने की ,

फिर भी ये आजाद मिलती है |

जब चाहे जिसे चाहे जहाँ चाहे ,

राजा से रंक और रंक से राजा बनाती है |

ये किस्मत भी कितने खेल खेलती है ,

कभी खुशिया तो कभी गम देती है |

मिल जाए जिसे इसका साथ ,

उसकी दिवाली ही दिवाली होती है |

रह जाए जो इससे महरूम ,

उसे खाई ही खाई मिलती है |

1 comment:

  1. Hey
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