Wednesday, December 16, 2009

मेरी सजा




सिकायत करूँ किससे तेरी बेबफाई का ,
जब तक़दीर ही बेबफा है ,
रुसबाइयां तो मेरे नसीब में थी ,
बस तकलीफ ही मेरी सजा है |

गुस्ताख ये दिल मेरा जिसकी दिल्लगी का ,
गुल ये सुहाना खिला है ,
काँटों भरी ज़िन्दगी मिली मुझको ,
बस तन्हाईयाँ ही मेरी सजा है |

विरानो से पूछता हूँ पता उसका ,
हर तरफ सन्नाटा नज़र आता है ,
आँखे थक गई रहो में अब ,
बस इंतजार ही मेरी सजा है |

बता दे राज कोई उस नींद का ,
जो महबूबा का दीदार करता है ,
मै डूबा करता था उसकी यादो में ,
बस अब ख़वाब ही मेरी सजा है |

ये खेल था दिल तोड़ने का ,
और बाज़ी भी आपने ही जीता है ,
किस्मत भी मुह मोर गई अब तो ,
बस उम्मीद ही मेरी सजा है |

बहाना ढूंढ़ लिया जीने का ,
ये दीवाना अब गजल लिखता है ,
हर लम्हा कागज पर उतारूँ ,
बस कलम ही मेरी सजा है |

Friday, December 11, 2009

ज़िन्दगी की हर राह मुस्किल होती है



ज़िन्दगी की हर राह मुस्किल होती है ,
अक्सर अकेला ही चलना पड़ता है | 
मुसाफिर बहुत मिल जायेंगे रहो में ,
पर साया ही ख़ुद के साथ चलता है |
मुमकिन नही हर किसी को मंजिल मिले ,
वही मंजिल पर पहुँचता है ,
जिसपर किस्मत का साथ होता है | 
कब कौन कहाँ किसका साथ छोर दे ,
इसका अंदाजा हमें कहाँ होता है | 
कुछ पल की खुसी जज्बात बहा ले जाते है ,
वरना वही गम साथ होता है |
दुसरो पर उमीद क्यों रखना ,
ख़ुद पर यकीं रखना होता है | 
क्योकि इस गुमनाम शहर में ,
ख़ुद की परछाई ही हमसफ़र होता है |

ये किस्मत कमाल की चीज होती है


ये किस्मत कमाल की चीज होती है ,

कभी बनाती तो कभी बिगारती है |

यहाँ , वहां , जाने कहाँ कहाँ ,

कम्बखत ये किस्मत भी कितने रंग बदलती है |

लाख कोशिस कर ले इसे केद करने की ,

फिर भी ये आजाद मिलती है |

जब चाहे जिसे चाहे जहाँ चाहे ,

राजा से रंक और रंक से राजा बनाती है |

ये किस्मत भी कितने खेल खेलती है ,

कभी खुशिया तो कभी गम देती है |

मिल जाए जिसे इसका साथ ,

उसकी दिवाली ही दिवाली होती है |

रह जाए जो इससे महरूम ,

उसे खाई ही खाई मिलती है |

Friday, December 4, 2009

मुझे कहाँ ढूंढ़ती हो




मुझे कहाँ ढूंढ़ती हो,
मै तो तेरे पास में !
मै तेरे जिश्म में , तेरे रूह में ,
तेरे दिल में , तेरी हर धरकन में ,
ना ढूंढ़ मुझे येसे, मै तेरे प्यास में ,
मन की आँखों से ढूंढ़ मुझे ,
मिल जाऊंगा पल भर की तलास में |
मुझे कहाँ ढूंढ़ती हो,
मै तो तेरे पास में !
मै ना बाग़ में , ना बैराग में ,
ना फूलो में , ना कलियों में ,
ना ढूंढ़ मुझे येसे, मै तेरे हर साँस में ,
महसूस कर के तो देख मुझे ,
मिल जाऊंगा पल भर की तलास में |
मुझे कहाँ ढूंढ़ती हो,
मै तो तेरे पास में !
मै ना दिन में , ना रात में ,
ना चाँद में , ना सितारों में ,
ना ढूंढ़ मुझे येसे, मै तेरे हर एहसास में ,
ख्यालो में ला कर तो देख मुझे ,
मिल जाऊंगा कुछ खास में |