Monday, January 30, 2012

ज़िन्दगी रूठी तो

ज़िन्दगी    रूठी     तो,
तुम ज़ेसा दोस्त मिला,
मेरी दीवानगी सुन कर आज,
 वो  भी  मुझ  पर  हस  दिया ।

आपकी  हसी  ने  मुझको  रुला  दिया,
बहते अंशु को पलकों में छुपा दिया,
दिल को एसी चोट लगी येसा लगता है,
पुराने जख्मो पर किसी ने नमक डाल दिया । 

लोग हसते है मुझपर

लोग हसते है मुझपर,
कहते है मै पागल हूँ,
यारो कोई तो समझो मुझको,
मै पागल नहीं दीवाना हूँ ।

रात के सन्नाटे में

रात के सन्नाटे में,
दो ही चीज सुनाई देती है,
एक तो घड़ियाँ टिक टिक,
दूसरा दिल का धड़कना,
घड़ियाँ बीते पल गुण गुनती है,
और दिल उसके लिए धड़कती है ।

Tuesday, January 17, 2012

सूरज और चाँद का रिश्ता

सूरज और चाँद का  रिश्ता,
इसमें भी कुछ राज है,

सूरज दिन में तो चाँद रात में निकलता है,
दोनों के बिच जरुर कोई बात है,

सारी रात सितारों के बिच चाँद आकेला,
सायद किसी कि नजर लगी होगी,
तभी तो चाँद में दाग है, 

कभी मोहब्बत रही होगी दोनों में,
मुमकिन है चाँद से बेबफाई हुई होगी,
तभी तो सूरज में इतना आग है |

कौन सा गुनाह

ना जाने कौन सा गुनाह हमने किया है,
तेरी जुदाई का जहर हमने पिया है,
कमबख्त हिचकियाँ भी नहीं आती,
जो ये समझूँ कि याद तुने किया है |
 

तन्हाई में जब कोई सोता है

तन्हाई   में  जब  कोई  सोता  है,
आँखों में नमी लिए हर पल वो रोता है,
अपनी यादो में किसी को याद करके,
जुदाई में भी वो उसके साथ होता है | 

ना जाने क्यों

आपके बिना दिल अकेला लगता है,
भीड़ में भी दिल तनहा लगता है,
आप क्या चले गये  हमारी ज़िन्दगी से,
हर  दुआ  अब  बददुआ  लगता  है | 

आपके बिना ज़िन्दगी बेरंग लगता है,
ज़िन्दगी भी मौत के संग लगता है,
जब जाना ही था तो दिल क्यों लगया हमसे,
सायद दिल तोड़ना आपका प्यारा खेल लगता है |