Thursday, October 21, 2010

जब हमे दर्द हुआ

हमने उनको गले लगा कर,
उनके दर्द को अपना बना लिया,
जब हमे दर्द हुआ,
हम बाहें फेलाए खड़े रहे,
और उन्होंने ख़त्म हो गया जज्बात कह दिया|

Wednesday, October 13, 2010

तेरे दामन की आदत जो हो गई है

बरसो से तुझे देखा नहीं,
जाने केशी है तू,
क्यूँ मेरे दिल को चैन आता नहीं ,
हर लम्हा तुझे ही ढूंढता हूँ ,
पता नहीं किस
हाल में है तू ,
मिलने को बेक़रार ये दिल ,
हर वक़्त यही पूछे जानेमन कहाँ है तू ,
मेरा तुझ से अजीब सा रिश्ता है ,
ज़िन्दगी भर का और एक विश्वास का ,
डरता हूँ कहीं दामन ना छुड़ा ले तू ,
अब अकेले चलने में भी डर लगता है ,
तेरे दामन की आदत जो हो गई है ,
बरसो से तुझे देखा नहीं,
जाने केशी है तू |