Sunday, November 29, 2009

गुस्ताख आँखे


प्यार करता ये दिल है ,
 सजा आँखों को मिलती है |
चोट लगती है दिल को तो ,
 तकलीफ आँखों को होती है |
  गुन्हा किया था इन आँखों ने ,
 इसलिए इन्हे येशी सजा मिलती है |
  जब - जब रोता दिल ये ,
 आँखों से अंशु निकलती है.....|

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