कोई उलझा हुआ सवाल हूँ मै ,
जो पूरी ना हुई वो ख्याल हूँ मै |
सागर में भी रह कर पानी को तरसा ,
ऐसा तो प्यासा बेहाल हूँ मै |
सूरज के साथ हूँ पर रौशनी को तरशा ,
बादल के संग हूँ और फिर भी ना बरसा |
मत आने दो मुझको ख्यालो में ,
खुद को उलझाओ ना अनसुलझे सवाल में |
दीपक बन कर चाहता हूँ जलना ,
कदम तो मिला दो संग चाहता हूँ चलना ,
चाहता हूँ मै भी जीवन के रंग को भरना |
चाहो अगर तो रंगीन कर दो ,
सतरंगी रंगों को सजा के ,
प्यार से दामन को चाहता हूँ भरना ,
बिखरे है अरमान ! खली है दामन |
सावन की बुँदे जलाये मेरा मन ,
डूब कर तन्हाइयो में खो जाता हूँ मै|
बेचनी सी होती है जब ,
सपनो से बाहर आता हूँ मै |
कोई उलझा हुआ सवाल हूँ मै ,
जो पूरी ना हुई वो ख्याल हूँ मै |
कोई अरमान का जाल हूँ मै,
आपके एहसाश का ख्याल हूँ मै |
ख्यालो में आऊं तो समझो ना सपना ,
कब बन जाऊँ सपनो से अपना |
आपके एहसाश में हूँ ,
आपके ख्यालो में हूँ मै |
टुटा हुआ आसमा सेतारा के ज़ेशा ,
जुड़ ना पाया टूट कर मै टुटा येशा |
कोई अरमान सजे थे पलकों पर मेरे ,
आज जेशे सजते है पलकों पर तेरे |
किसी अरमान का जाल हूँ मै ,
आपके एहसाश का ख्याल हूँ मै |
टूटे है जेशे मोती के धागे ,
वेशे ही टूटी मेरी चाहत के वादे ,
बिखरा – बिखरा सा अधुरा सा हूँ मै |
आज भी पलके नमी सी रहती है मरी ,
इस बिखरेपन में भी पुरा सा हूँ मै |
जो पूरी ना हुई वो ख्याल हूँ मै |
सागर में भी रह कर पानी को तरसा ,
ऐसा तो प्यासा बेहाल हूँ मै |
सूरज के साथ हूँ पर रौशनी को तरशा ,
बादल के संग हूँ और फिर भी ना बरसा |
मत आने दो मुझको ख्यालो में ,
खुद को उलझाओ ना अनसुलझे सवाल में |
दीपक बन कर चाहता हूँ जलना ,
कदम तो मिला दो संग चाहता हूँ चलना ,
चाहता हूँ मै भी जीवन के रंग को भरना |
चाहो अगर तो रंगीन कर दो ,
सतरंगी रंगों को सजा के ,
प्यार से दामन को चाहता हूँ भरना ,
बिखरे है अरमान ! खली है दामन |
सावन की बुँदे जलाये मेरा मन ,
डूब कर तन्हाइयो में खो जाता हूँ मै|
बेचनी सी होती है जब ,
सपनो से बाहर आता हूँ मै |
कोई उलझा हुआ सवाल हूँ मै ,
जो पूरी ना हुई वो ख्याल हूँ मै |
कोई अरमान का जाल हूँ मै,
आपके एहसाश का ख्याल हूँ मै |
ख्यालो में आऊं तो समझो ना सपना ,
कब बन जाऊँ सपनो से अपना |
आपके एहसाश में हूँ ,
आपके ख्यालो में हूँ मै |
टुटा हुआ आसमा से
जुड़ ना पाया टूट कर मै टुटा येशा |
कोई अरमान सजे थे पलकों पर मेरे ,
आज जेशे सजते है पलकों पर तेरे |
आपके एहसाश का ख्याल हूँ मै |
टूटे है जेशे मोती के धागे ,
वेशे ही टूटी मेरी चाहत के वादे ,
बिखरा – बिखरा सा अधुरा सा हूँ मै |
आज भी पलके नमी सी रहती है मरी ,
इस बिखरेपन में भी पुरा सा हूँ मै |
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