Thursday, October 21, 2010

जब हमे दर्द हुआ

हमने उनको गले लगा कर,
उनके दर्द को अपना बना लिया,
जब हमे दर्द हुआ,
हम बाहें फेलाए खड़े रहे,
और उन्होंने ख़त्म हो गया जज्बात कह दिया|

1 comment:

  1. मनोभावों को शब्द देने का सार्थक प्रयास - शुभ आशीष

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